समर्पण ध्यान
समर्पण ध्यान की पहली पादान है - आप अपने - आपको एक "पवित्र आत्मा " मानो । आप मानोगे तो आप एक पवित्र आत्मा वास्तव में बन जाओगे औऱ परमात्मा को अपने भीतर ही पाओगे । मेरे "माध्यम" से परमात्मा नया पंथ या नया धर्म स्थापित करना नही चाहता । परमात्मा तो चाहता है , आप उससे "आत्मा" बनकर संपर्क स्थापित करो । आप अपने -आपको जितना "आत्मा" मानोगे उतना ही आप "परमात्मा" कें करीब रहोगे ।
पूज्य श्री गुरुदेव
[सानिध्य / माध्यम]
23/02/2012
Comments
Post a Comment