स्वार्थ से किया गया कार्य
स्वार्थ से किया गया कार्य शरीर से शरीर तक पहुँचता है । क्योंकि स्वार्थ शरीर का ही होता है । किसिको दीखानेके लिए किया गया कार्य अहंकार बढ़ाता है और अहंकार भी तो शरीर से ही संबंधित है और अहंकार बढ़ाने के लिए किया गया कार्य भी शरीर से ही शरीर तक होगा l
ही .का .स .योग .
भाग ५
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