सदगुरु


समुद्र  कभी  पानी  की  बूंद  तक  पहुँचने  का  प्रयास  न  करता  है , न  कर  पाएगा । अंत  में  बूंद  को  ही  समुद्र  तक पहुँचना  होगा । समुद्र  अपनी  सीमा  में  शांत  बैठा  होता  है । ठीक  इसी  प्रकार  सदगुरु  अपने  स्थान  पर  स्थित  होता  है , हमे  ही  उस  तक  पहुँचना  होता  है

आध्यात्मिक सत्य 

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी