आचार्यों के लिए संदेश

*  सेंटर-आचार्यों को पूज्य स्वामीजी के प्रवचन की केसेट नियमित रूप से सुननी चाहिए और सेंटर के साधकों को आवश्यकता होने पर मार्गदर्शन करना चाहिए।

*  सेंटर-आचार्यों ने मधुचैतन्य पढनी चाहिए और दुसरों को उसके लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि उसमें पूज्य गुरुदेव के संदेश और अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारीयाँ होती हैं। अन्य साधकों को अनुभव , लेख , भजन वगैरह लिखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

*  आप जब आचार्यों के स्थान पर होते हो , तब यदि थोडे साधकों से अच्छे संबंध रखते हो और दुसरों की अवगणना करते हो , तो ऐसा करना दोनों के लिए नुकसानकारक होता है। आपका व्यवहार सभी से समान होना चाहिए।
                        --- पूज्या गुरुमाँ

*  आचार्यों को नियमित ध्यान करना चाहिए। अगर उनकी खुद की स्थिति ठीक नहीं होगी , तो सेंटर की भी स्थिति खराब हो सकती हैं।
  
                           --- पूज्य गुरुदेव

मधुचैतन्य अप्रैल २००६

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