जीवन की मृत्यु निश्चित है

जीवन की मृत्यु निश्चित है ।
सृजन का विसर्जन निश्चित है ॥
तो हे मानव !मत डर जग में ।
धीरज रख जी ले इस जग में ।।

अर्थात :--
जन्म -मृत्यु  तो  हमारे  हाथ  मे  नही  है ।हाँ , जीवन  हमारे  हातो  में  है , तो  इस  जीवन  मे  नकारात्मक  विचार  तथा  भय  जैसी  भावनाओं  को  स्थान  क्यों  दे ?
क्यों  न  हम  ईश्वर  के  प्रति  पूर्ण  आस्थावान  बने  तथा  गुरु  के  प्रति  पूर्ण  समर्पित  रहे । "मेरा  बुरा  कूछ  हो  ही  नही  सकता " --ऐसा  पूर्ण  विश्वास  रखे ।

✍. . . . . . . . .
आपकी - गुरुमाँ

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