स्वामीजी , साधकोँ के बीच आत्मीयता बनानी होती है या अपने -आप घटित हो जानी चाहिए ?...
प्रश्न : स्वामीजी , साधकोँ के बीच आत्मीयता बनानी होती है या अपने -आप घटित हो जानी चाहिए ?...
स्वामीजी : घटित हो जानी चाहिए । जहाँ साधक का अस्तित्व अलग है , तब आत्मीयता बनाने का प्रश्न है । अगर साधक का अस्तित्व ही समाप्त हो गया तो आत्मीयता खुद -b-खुद आ जाएगी ।मेरे सब साधकोँ के साथ अच्छे रिलेशन्स है , तो आपके क्यूं नही होंगे ? आपके भी होने चाहिए । जो मेरी स्थिति है , वो आपको प्राप्त होना चाहिए ना ! अगर आपको प्राप्त नही हो रही है , इसका मतलब आपने अपना अस्तित्व मेरे से कुछ अलग रखा हुआ है । नही तो मेरे सब के साथ अच्छे रिलेशन्स है । तो आपके भी रिलेशन्स सबके साथ एक जैसे होने चाहिए ।..
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परमपूज्य गुरुदेव
- युवा शिविर
- २००८-
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परमपूज्य गुरुदेव
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