श्री गुरुशक्तिधाम दुनिया का नया आविष्कार
गुरुशक्तिधाम में स्थापित मंगलमूर्ति की विशेषताएँ ---
१) इस मूर्ति का साकार रूप पूज्य स्वामींजी का ही हैं। ऐसा पहली बार हुआ हैं की कोई गुरु ने अपने जीवित होते हुए अपनी मूर्ति बनवाई।
२) इस मूर्ति में पूज्य स्वामीजी ने अपने जीवनकाल में अपने स्वयं के प्राण स्वयं डाले हैं। यानि यह मूर्ति जिसकी हैं उसीने अपने जीवनकाल उसमें अपने प्राण डाले हैं। और इसीलिए *यह मूर्ति जीवंत मूर्ति हैं।*
३) यह मूर्ति इस विश्व की *आत्मसाक्षात्कार देने वाली , मोक्ष प्रदान करनेवाली* एकमेव मूर्ति हैं। इसके सान्निध्य में आनेवालों को एक *सुरक्षा कवच भी प्राप्त होता हैं।* यह मूर्ति अगले 800सालों तक कार्य करेगी।
पूज्य स्वामीजी के समाधिस्थ होने के बाद यह *जीवंत मुर्तियाँ* ही स्वामीजी के आध्यात्मिक कार्य की उत्तराधिकारी है और कोई नहीं।
मंगलमूर्ति में स्वयं के प्राणो .....
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