व्हायब्रेशन  की  भाषा 

पेहली  बात  तो  एक  गाँठ  बाँध  लो  की  ध्यान  की  उच्च  अवस्था  मे  कुछ  बोला  ही  नही  जा  सकता , सिर्फ  मौन  रहा  जाता  है । जब  बोलता  हूँ  तब  दो  शब्दों  के  बीच  एक  ग्याप  रहती  है  [ अंतराल ] उसमे  ही  व्हायब्रेशन  रहता  है । जिस  दिन  ये  व्हायब्रेशन  की  भाषा  समझमे  आ  जाएगी  उस  दिन  मौन  हो  जाओगे । और  मुझे  आगे  वो  दिन  भी  नजर  आ  रहा  है  की  मै  मौन  मे  चला  जाऊँगा । उस  स्थिति  मे  जाने  के  पूर्व  आप  मेरी  भाषा  समझलो  ना ! आप  अगर  मेरी  भाषा  समझोगे  तो  अपनी  कुछ  बात  बातचीत  हो  पाएगी । अन्यथा  बादमे  ये  भाषा  बंद  ही  होनेवाली  है । व्हायब्रेशन  की  भाषा  शब्दों  मे  अभिव्यक्त  नही  की  जा  सकती , उसे  सिर्फ  मेहसूस  किया  जाता  है ।

पूज्य स्वामीजी
गुरुपुर्णिमा
२००७

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