सांईभक्त
*🌳श्री साईंबाबा :--तू पत्थरों के ऊपर बीज बो रहा है । पत्थरों पे बीज बो रहा है यानी ?सबको आत्मसाक्षात्कार का अनुभव करा रहा है , सबको अनुभुति का अनुभव करा रह है लेकिन उन पत्थरों पे कर रहा है जहाँ पे ये बीज उगने वाले भी नही है । तू सबको समान एक रूप से बाँटता है । उस पे उगेंगे ही नही । मैं तेरे को एक दिन वो ज़मीन दूँगा जहां पे वो पत्थर पे नही , वो ज़मीन पर उगेंगे । वो ज़मीन है ---- सांईभक्त । सांईभक्त वो ज़मीन है जहाँ पे जैसे हीं अनुभुति कराएगा तुरंत उसका फल निकलेगा , उसका पौधा निकलेगा , उसका रिझल्ट निकलेगा ।
*🌞दर्शन शिविर [सिंधावदर ]🌞*
*१०-१२-२०१७ के अंश ..........*
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