शरीर का जानने का माध्यम
शरीर का जानने का माध्यम प्रमाण होता है। अगर प्रमाण हो तो ही वह जानेगा मनेगा। ओर देह की सीमा के बाहर आत्मा की विशाल सिमा है। और इसमें अनुभूति होती है। प्रमाण नहीं होता क्योंकि प्रत्येक बात की अनुभूति होती है।
भाग १-- ३७५
शरीर का जानने का माध्यम प्रमाण होता है। अगर प्रमाण हो तो ही वह जानेगा मनेगा। ओर देह की सीमा के बाहर आत्मा की विशाल सिमा है। और इसमें अनुभूति होती है। प्रमाण नहीं होता क्योंकि प्रत्येक बात की अनुभूति होती है।
भाग १-- ३७५
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