जंगल और वन
"कई वृक्ष मनुष्य की दृष्टि से उपयोगी नहीं
हैं, पर पर्यावरण के संतुलन की दृष्टि से
बहुत उपयोगी होते हैं।और ये वृक्ष जंगल
में ही पाए जाते हैं।सब प्रकार के वृक्ष जिन्हें
कोई नहीं उगाता, प्रकृति उगाती है,ऐसे
जंगलों में मनुष्य को प्राकृतिक आत्म
शान्ति मिलती है।प्राकृतिक रूप से बना
वातावरण केवल 'जंगल' में होता है, 'वन'
में नहीं ।"इस प्रकार से गुरुदेव ने 'जंगल'
और 'वन' का अंतर मुझे समझाया और
मुझे भी अच्छा लगा।
हि. का. स. यो.👉(1)पेज 39👉H009
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