रक्षक वषे
अभी हाल ही मे लिये पोलीस महशिबीर मे महसुस हुआ की
पोलीस को जितने बुरे दृष्य अपने
जिवन मे देखना पडते है।वैसे सामान्य
मनुष्य को नही हत्या. आत्महत्या.दृघटेना आदी के स्थान पर जाना मृतक के जेब मे हात डालकर उसके परीचय लेने की
कोशीश करना जैसे काम उन्हे
अपने जिवन मे करना पडते है।
हम तो केवल टीवी पर देखते है।
पोलीस को तो प्रत्यक्ष देखना पडते है
इन सब दृष्यो का बुरा प्रभाव उनके
चित्त पर पडता है।और बाद मे उनके
मानसीक और शारीरीक स्वास्थ पर
पडता है।
इन सब से बचने का उपाय है। वे नीयमीत ध्यान करे।और दिन मे
आधा घंन्टा भुलजाये की वे पोलीस
है।और ऐसे स्थानो पर जाय या ऐसे
संगठन से जुडे जहॉ पोलीस के रुप
मे उन्हे समझा न जाये।वह सामान्य
मनुष्य हे। ऐसा प्रयोग कर स्वंयम
पोलीस अपना अनुभव ले सकते है।
बाबा स्वामी
१५/८/२०१८
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