प्राण प्रतिष्ठा का महत्त्व

अब हम अगला प्रयोग करने जा रहे हैं। हमारे भारत में मूर्ति पूजा का चलन है और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का महत्त्व है। ये प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है और वह करने से क्या बदलाव आता है, हम अब वह प्रयोग करेंगे। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करते समय कोई संत या कोई गुरु अपनी आध्यात्मिक शक्तियों को उस मूर्ति में प्रवाहित कर देता है और बाद में मूर्ति प्रकृति से समरसता स्थापित कर अपनी ऊर्जा शक्ति को बड़ा लेती है। और इस प्रकार की प्राण प्रतिष्ठा आज से १००-१५० साल पहले तक होती थी , लेकिन धीरे-धीरे प्राण प्रतिष्ठा करने वाले माध्यम कम हो जाने से यह पद्धति कम हो गई। अब प्राण प्रतिष्ठा कैसे होती है प्रथम यह समझ लो , फिर हम आगे बढ़ेंगे

भाग - ६- २९९

Comments

  1. Jai baba swami
    Why post r not from two days.
    Pls send it regularly.
    We r fan of such post.
    Thanks.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी