आज विश्वभर में माता-पिता अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं
आज विश्वभर में माता-पिता अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं कि बिगड़ते हुए माहौल का असर उनके बच्चों पर न पडे। वे अपने बच्चों को बिगडते हुए माहौल से बचाना चाहते हैं पर बचाने का मार्ग उनके पास नहीं है। किसी धर्म में अनुभूति नहीं है। सारे धर्म केवल पुस्तकों में, उपदेशों में रह गए हैं। युवा पीढ़ी उपदेश नहीं चाहती, अनुभूति चाहती है और वह अनुभूति "समर्पण ध्यान" में है। इसमें कोई उपदेश नहीं है- यह करो या यह न करो। इसमें केवल यही कहा गया है- ध्यान करो, सामूहिकता में करो। बस और कुछ नहीं। क्या अच्छा है और क्या बुरा है, उसका ज्ञान आपको आपके भीतर से ही हो जाएगा।
बाबा स्वामी
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