समर्पण ध्यानयोग
यह एक "आत्मसंगत" की साधना हैं , यह जीवन में धीरे -धीरे रंग लाती हैं । एक आधा घंटा एकांत में ऐसे बैठो की आपकी १५-२० फीट में अन्य कोई भी मनुष्य न हो । यह आधे घण्टे का "एकांत" औऱ "मौन" आपका सारा जीवन ही बदल देगा ।
बाबा स्वामी
सदगूरू के हृदय से.
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