मेरा , मैं का भाव रहेगा , उतनी ही समस्याएं मेरी रहेगी ।

        आज  तक  सदैव  ईश्वर  ने , गुरुशक्तियों  ने  मुझे  संभाला  हैं  औऱ  आगे  भी  वे  देखेगी .....वे  ही  सँभालेँगि ! जितना  "मेरा ", " मैं " का  भाव  रहेगा , उतनी  ही  समस्याएं  मेरी   रहेगी । आज  ध्यान  के  पष्च्यात  स्वर्णिम  किरणों  का  छाता -सा  दिखा  था । वह  स्वर्णिम  छाता  दिखे  अथवा  न  दिखे , सदा  से  ही  गुरुशक्तियों  ने  संभाला  हैं , राह  दिखाई  हैं । .........*

*परम वंदनीय गुरु माँ
*अंश --" माँ " पुष्प -२*

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