पवित्र आत्माओं की सामूहिकता
हम जब अपने जीवन में रंग, जाति, धर्म, भाषा, देश, लिंग इन सभी शरीर की सीमाओं से परे हो जाते हैं तो हम अपने-आपको एक आत्मा मानना प्रारंभ करते हैं। और जब हम अपने-आपको आत्मा मानने लगते हैं तो कई पवित्र आत्माओं की सामूहिकता हमें प्राप्त हो जाती हैं। और वह सामूहिक शक्ति जीवन में प्रत्येक क्षण हमारा मार्गदर्शन करती ही रहती है। वही हमारी सुरक्षा भी करती रहती है। एक बार उनके क्षेत्र में पहुँच गए तो हम एक माध्यममात्र हो जाते हैं और हमारे हाथ से बडे-बडे कार्य भी संपन्न होने लग जाते हैं।
हि.स.यो.५/२९१
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