समग्र योग
"वास्तव में, 'समग्र योग' में तो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी शामिल है | इतना विशाल क्षेत्र 'योग' का होता है | और केवल शरीर के स्वास्थ्य के लिए 'योग' करना योग्य प्रतीत नहीं होता है | 'योग' एक जीवंत सजीव ज्ञान है | यह बिना जीवंत गुरु के सीखा ही नहीं जा सकता है | जीवंत गुरु अपनी 'इच्छाशक्ति' से अपने भीतर बहने वाली योग की सामूहिक शक्ति आपके भीतर प्रवाहित कर देता है | इसको ही 'गुरुकृपा' कहते है |"
बाबा स्वामी
('समग्र योग'', पेज 23)
Comments
Post a Comment