पति औऱ पत्नी गृहस्थी रूपी रथ के दो पहिए

* मेरे  विचार  में  पति  औऱ  पत्नी  गृहस्थी  रूपी  रथ  के  दो  पहिए  होते  हैं । दोनों  की  आपसी  समझ  से  किए  गए  प्रयास  वे  अश्व  हैं  जो  रथ  को  आगे  बढ़ाते  हैं । कौन -सा  पहिया  क्या  कार्य  करें , य़ह  उन  दोनों  की  आपसी  समझ  पर  आधारित  होता  हैं । पति -पत्नी  का  आपसी सामंजस्य  जितना  अच्छा  होगा , रथ  उतना  ही  सुचारू  रूप  से  आगे  बढ़ेगा । गृहस्थी  में  कार्य  का  विभाजन  भी  महत्वपूर्ण  होता  हैं । य़ह  संतुलित  हो  तो  सुख - संतोष  के  वातावरण  से  परिवार  विकास  के  पथ  पर  अग्रसर  होता  हैं । यदि  कार्य  विभाजन  असंतुलित  हो  तो  किसी  एक  के  मन  में  असंतोष  की  भावना  जगाएगा । पति -पत्नी  एक  दूसरे  से  संतुष्ट  हों  य़ह  महत्वपूर्ण  हैं । *

*🌳परमवंदनीय पूज्या गुरुमाँ
*🔰:--संदर्भ --: " माँ "पुष्प - १*

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