नारी शक्ति

"स्त्री " का  निर्माण  परमात्मा  ने  "शक्ति " के  रूप  में  किया  हैं । मनुष्य  की  शक्ति  को  क्रियान्वित  करने  के  लिए  परमात्मा  ने "स्त्री "का  निर्माण  किया  हैं । "स्त्री "एक  शक्ति  हैं , बशर्ते  तुम  उसे  शक्ति  समझो । "स्त्री "में  ग्रहण  करने  की  अपार  शक्ति  होती  हैं । वह  ग्रहण  की  गई  शक्ति  को  ठीक  से  विकसित  कर  सकती  हैं , विकसित  कर  पुर्णत्व  प्रदान  कर  सकती  हैं। ....

ब्रह्मानंद स्वामीजी
ही.का.स.योग..१

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