उत्क्रांति की प्रक्रिया

उत्क्रांति की प्रक्रिया में वही मनुष्य आगे बढ़ सकता है जो मध्य में हो यानी किसी भी अति में न हो। और पत्थर जैसा गोल हो यानी समय के साथ तालमेल बिठाना उसे आता हो।

बाबा स्वामी
HSY 4 pg 187

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