सुख

सुख केवल आत्मा से मिल सकता है। अपने जीवन में कुछ  ऐसे कार्य करने आवश्यक है जो हमें आत्मसुख प्रदान करे। आत्मसुख प्राप्त करने की इच्छा केवल संतुलित मनुष्य कर सकता है और यह आत्मसुखी मनुष्य ही आत्मसमाधानि हो सकता है।

बाबा स्वामी
HSY 4 pg 193

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