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Showing posts from October, 2017

स्त्री

स्त्रियों में अपने परिवार के प्रति, अपने रीश्तेदारों के प्रति अधिक लगाव होता है। इसलिए भी वे उन्हें छोड़कर नहीं जा पाती हैं। और साथ-साथ त्याग की उदार भावना भी होती है; वे उस म...

चित्तशुद्धि

गुरुदेव की गुफा के आगे दाहिनी ओर एक जलप्रपात था। ऐसी ही एक सुबह थी। गुरुदेव ने कहा,"मैंने इसलिये तुम्हें उस जलप्रपात के पानी पर एकाग्रता करने के लिए कहा था क्योंकि पानी केवल...

गुरु से बड़ा गुरु का नाम है

गुरु  से  बड़ा  गुरु  का  नाम  है  और  गुरु  से  भी  बड़ा  गुरु  का  कार्य  है । गुरु  का  शरीर  नाशवान  है , पर  गुरुनाम  शाश्वत  है , गुरु  का  कार्य  शाश्वत्  है । । सदैव  शाश्वत...

आत्मज्ञान का बीज

कई आत्माएं वर्तमान परिस्थितियां अनुकूल हो जाने पर आत्मज्ञान का बीज प्राप्त तो कर लेती है, पर भीतर से चित्त कहीं और होता है | इसलिए उसे अंकुरित नहीं कर पाती , और फिर तब तक वह बीज ...

Shree Vishwa Chakra Anushthan

The Shree Guru energies have organised the Shree Vishwa chakra Anushthan at the Rajasthan Samarpan Ashram at Aradka, Ajmer. Any Medium of the Shree Guru Energies can organise such a practicum only once in his lifetime. During this process the Medium establishes his very subtle energies in a special place through the medium of his physical body. Here the Shree Guru-energies have created a 'yog' (union of right time and place) and  established their energies in a golden Shree Chakra so that in future, the waves of consciousness of energy may spread all over the world from this place and any soul thirsting for spiritual progress may attain Self-realisation by visiting this place. The schedule for the establishment of energies is as follows: Date              Time 28/10/17     Morn 8 to 9 29/10/17     Morn 8 to 10 30/10/17     Morn 8 to 11 31/10/17 ...

नव वर्ष दिन दांन्डी समर्पण आश्रम

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सुबह दांन्डी आश्रम मे साल मुबारक   के अवसर पर ध्यान का कायेक्रम हुआ

दीपावली के दिन समर्पण आश्रम

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समर्पण आश्रम दांडी समर्पण आश्रम दांडी... बुद्ध भगवान की प्रतिमा... समर्पण आश्रम दांडी... ध्यानखंड... समर्पण आश्रम दांडी... भोजनालय रंगोली समर्पण आश्रम दांडी... दीपक का गुरुकार्य करते समय गुरुशक्तियो ने अपनी उपस्थिति का अहसास करवाया...ॐ की उपस्थिति श्री  बाबा  स्वामी  धाम  मोगर  गोवा समर्पण आश्रम  अजमेर समर्पण आश्रम 

वसुबारस

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आज वसुबारस है .... बैल की पूजा करने का दिन । आज के दिन की शुरुआत गौशाला में बछडे व बछिया को तिलक कर गुढ़ खिला कर की ...बहुत अच्छा लगा ।

गुरुकार्य

मुझे  कभी  नही  लगता  की  मै  अकेली  हूँ । सदैव  लगता  है - - कोई  अज्ञात  शक्तियाँ  साथ  में  होती  ही  है । और  यह  भी  जानती  हूँ  की  उनकी  कृपा  मेरे  ऊपर  इसलिए  है  क्योँक...

अच्छे आभामंडल का प्रभाव सभी प्रकार के पशु-पक्षियों को आकर्षित करता है।

ये पशु-पक्षी भी उस आभामंडल का आनंद लेते है।अच्छे आभामंडल का प्रभाव सभी प्रकार के पशु-पक्षियों को आकर्षित करता है। यही कारण है कि जिस स्थान पर सुरक्षितता अनुभव होती है, पक्ष...

श्री विश्वचक्र अनुष्ठान

श्री गुरुशक्तीयों ने राजस्थान समर्पण आश्रम अरडका अजमेर राजस्थान में श्री विश्वचक्र अनुष्ठान का आयोजन किया है। श्री गुरूशक्तीयों का कोई भी माध्यम अपने जिवन काल में इसप...

सदगुरु आशीर्वाद देकर मुक्त नही होते

" शिष्य  आशीर्वाद  लेकर  छूट  जाता  है  लेकिन  सदगुरु  आशीर्वाद  देकर  मुक्त  नही  होते , आशीर्वाद  पूर्ण  फलीभूत  होने  तक  वे  चेतना  के  रूप  में  शिष्य  के  सदैव  साथ  ह...

गुरुशक्तियाँ मेरे साथ -साठ चलते ही रहती है ।

गुरुशक्तियाँ  मेरे  साथ -साठ  चलते  ही  रहती  है । जैसे  बादल  आ  जाने  पर  सूर्य  तो  होता  है  पर  दिखाई  नही  देता , ठीक  इसी  प्रकार , ये  सदैव  साथ  रहती  है , पर  भिडरुपि  बा...

गुरुशक्तियाँ मेरे साथ -साठ चलते ही रहती है ।

गुरुशक्तियाँ  मेरे  साथ -साठ  चलते  ही  रहती  है । जैसे  बादल  आ  जाने  पर  सूर्य  तो  होता  है  पर  दिखाई  नही  देता , ठीक  इसी  प्रकार , ये  सदैव  साथ  रहती  है , पर  भिडरुपि  बा...

प्रार्थना

गुरुदेव , मुझे सत्य मार्ग पर रखो - केवल इसी प्रार्थना के साथ आगे  बठिए। गुरु माँ

गुरु एक माली के समान होता है |

" गुरु एक माली के समान होता है | एक छोटी- सी नर्सरी में वह एक छोटे-से बीज को लगाता है | बीज से पौधा बनने तक वह राह देखता है | बीज को खाद देता है, पानी देता है | जब बीज से पौधा बन जाता है, तब उ...

तुम्हारे  माध्यम से इस आत्मज्ञान को लाखों लोग प्राप्त करेंगे

तुम्हारे  माध्यम से इस आत्मज्ञान को लाखों लोग प्राप्त करेंगे , जो व्यक्ति तुम्हारे सामने आ गया , वह इसके योग्य ही है , अन्यथा वह सामने आएगा ही नहीं | और सामने आया भी तो वह टिकेगा ...

मोक्ष ध्यान की सर्वोच्च अवस्था है

मोक्ष ध्यान की सर्वोच्च अवस्था है और वह स्थिति मिलने के बाद हम शरीर में ही होते है पर शरीर से आसक्त नहि होते। हम में शरीर के विकार नहि होते, शरीर के दोशो से हम प्रभावित नहि होत...

सभी स्थान ध्यान करने के योग्य नहीं होते हैं।

साधक को ध्यान-साधना करते समय स्थान का सदैव 'ध्यान' रखना चाहिए। सभी स्थान ध्यान करने के योग्य नहीं होते हैं। कई स्थानों पर बैठकर किया गया 'ध्यान' साधक के लिए हानिकारक सिद्ध हो ...

सदगुरु इन हजारों -लाखों आत्माओं का पालनहार रहता है ।

हजारों  लाखों  आत्माएँ  जन्मों -जन्मों  से  अपने  सदगुरु  के  साथ  जुडी  होती  है । इसी  कारण  "सदगुरु " इन  हजारों -लाखों  आत्माओं  का  पालनहार  रहता  है । इसलिए  इसके  साथ  ...

गायत्री मंत्र

आत्मज्ञान के बारे में जैसा है,बिल्कुल वैसा ही गायत्री मंत्र के बारे में है। आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए कुण्डलिनी-शक्त्ति -जागृति की आवश्यकता होती है और वह एक स्त्रीशक...

शिष्य में भी गुरु बनने की संभावनाएं

जिस प्रकार से प्रत्येक बीज में वृक्ष बनने की संभावनाएं छुपी होती ही है , वैसे ही प्रत्येक शिष्य में भी गुरु बनने की संभावनाएं छुपी होती हैं | और परमात्मा की कृपादृष्टि आप पर ...

प्रार्थना

" गुरुदेव "मैं  सूर्य  के  रूप  में  आपको  वंदन  कर  रहा  हूँ । अब  मैने  मेरा  सारा  अस्तित्व  ही  आपको  समर्पित  कर  दिया  है । अब  मेरी  निजी , ऐसी  कोई  प्रार्थना  नही  है । अ...

गुरुतत्व 

गुरुतत्व  एक  शक्ति  है  जो  विश्व  में  सकारात्मक  रूप  मे  बहती  रहती  है । व्यक्ति  तो  उसके  माध्यम  है , वे  समय  के  अनुसार  बदलते  रहते  है । गुरुतत्व  कभी  नही  मरता  ...

परमात्मा

* कोई  भीतर  पहुँचा  हुआ  माध्यम  ही  हमे  भीतर  के  परमात्मा  तक  ले  जा  सकता  है । * जो  शरीर  परमात्मामय  हो  जाते  है  याने  जो  शरीर  अपना  अस्तित्व  खो  देते  है , जो  एक  से  अनेक  हो  जाते  है , ऐसे  शरीर  परमात्मा  के  माध्यम  बन  जाते  है । * ऐसे  माध्यमों  के  सानिध्य  मे  परमात्मा  की  अनुभूति  होती  है । परमात्मा  का  एहसास  होता  है । परमपूज्य बाबा स्वामीजी   [ आध्यात्मिक सत्य ]

सजीव ज्ञान पाना गुरुकृपा है

सजीव  ज्ञान  पाना  गुरुकृपा  है  और  यह  सजीव  ज्ञान  बाँटना  ही  सही  अर्थ  में  गुरुदक्षिणा  "है । और  ध्यान -साधना  भी  एक  प्रकार  की  कला  है  जो  अनायास  ही  प्राप्त  ह...

गुरु ही ब्रह्म है ।

॥गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु ॥ ॥गुरु देवों महेश्वर :॥ ॥गुरु साक्षात पारब्रह्म ॥ ॥तस्मै श्री गूरूवे नम :॥      गुरु  ही  ब्रह्म  है । एकमात्र  उनकी  ओर  लक्ष  रखने  से  ब्रह्म...