प्रार्थना
प्रार्थना ही चित्त को गंगा नदी मे विसर्जित कर सकती है , सारी गंगा नदी चित्त में भर ली जा सकती है । इसलिए गुरुक्षेत्र में गुरुशक्तियों के समक्ष इच्छा नही करनी चाहिए । प्रार्थना करो -- गुरुदेव -- अब जो भी जीवन में हो , आपकि इच्छानुसार हो । मैं पामर क्या इच्छा कर सकता हूँ ?आप दया के सागर हो , जो हो , वह आपकि इच्छानुसार हो ।
ही .का .स .योग .
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