श्री गादी स्थान अरडका अजमेर राजस्थान
श्री गादी स्थान वह स्थान होता है। जिस स्थान को सदगुरू अपने जिवन काल मे साधना स्थली के रूप मे निच्छीत करता है। उस स्थान को वह अपने जिवन मे क्रेन्द्र मानकर अपने जिवन के उस उद्दैश को पुर्ण करता है। जिसके लीये उसने यह देह धारण कीया है। प्राय यह सदगुरू के जिवन मे दो श्री गादी स्थान होते है। एक वह होता है। यहॉ से वह स्थुल रुप मे रहकर कायेरत रहता है। दुसरा वह होता है। जहॉ से वह सुक्ष रुप से बैठकर कायेरत रहता है। स्थुल का काये स्थुल रूप से होता है । और सुक्ष्म का काये सुक्ष्म रूप से होता है। ऐसे ही सुक्ष्मरूप से कायेरत श्री गादी स्थान के स्थापना का अनुष्ठान अती सुक्ष्म स्तर पर कल से प्रांरभ हो रहा है। जो आठ दिन चलेगॉ इस अनुष्ठान के बाद इस स्थान से सुक्ष्मरूप से ही श्री गुरूशक्तीया कायेरत हो जायेगी आप इस अनुष्ठान के साथ चित्त से जुडे तो आपको इसका प्रमाण मीलेगॉ। केवल अपेक्षा रहीत शुदध चित्त से जुडने की आवश्यकता है।
आपका अपना
बाबा स्वामी
२७/१०/२०१७
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