परमात्मा का अंश प्रत्तेक मनुष्य मे है ।
"परमात्मा का अंश प्रत्तेक मनुष्य मे है । जब इसी मनुष्य के ऊपर आप प्रेम की वर्षा करते है तो वह प्रेम की वर्षा आप उस मनुष्य के ऊपर नही करते है , पर परमात्मा के उस अंश पर करते रहते है । उस अंश पर की गई वर्षा जाने -अनजाने मे परमात्मा पर ही होती है , परमेश्वर पर ही होती है । "
पूज्य स्वामीजी
चैतन्य महोत्सव
२००१
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