आत्मा की पूजा

कहने  का  मतलब  पहले  शरीर  पे  संयम , फिर  मन  के  ऊपर  संयम , उसके  बाद  मे  बुद्धि  के  ऊपर  संयम , चित्त  के  ऊपर  संयम . . . ये  सब  क्रमबद्ध  तरीके  से , लयबद्ध  तरीके  से  एक  प्रकार  की  आत्मा  की  पूजा  है । एक -एक  धीरे -धीरे , धीरे -धीरे , धीरे -धीरे  आगे  बढ़ते  जाओगे  तो  आप  देखोगे , आपका  बुद्धि  के  ऊपर  भी  नियंत्रण  आ  गया  है ।

॥ प्रार्थना ॥

       हे  परमात्मा ! २०१७ का  वर्ष  विश्व  के  लिए  शांति  और  आध्यात्मिक  प्रगति  वाला  वर्ष  सिद्ध  हो  ये  हमारी शुद्ध इच्छा है , ये हमारी शुद्ध इच्छा है , ये हमारी शुद्ध इच्छा है ।

परम कृपालु
पूज्य स्वामीजी
महाध्यान , दांडी
1जनवरी 2017

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