शरीर पर ही आत्मा का नियंत्रण

अगर  हम  ध्यानसाधनारत  रहते  है  तो  हमारे  समूचे  शरीर  पर  ही  आत्मा  का  नियंत्रण  हो  जाता  है । हमारे  शरीर  पर , मस्तिक  पर  आत्मा  का  नियंत्रण  हो जाता  है । यह  हो  जाने  से , शरीर  से  वह  कार्य  ही  नही  होता  जो  योग्य  न  हो । हमारी  आत्मा  ही  परमात्मा  का  स्वरूप  है । . . .

ही .का .स .योग .
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