शरीर पर ही आत्मा का नियंत्रण
अगर हम ध्यानसाधनारत रहते है तो हमारे समूचे शरीर पर ही आत्मा का नियंत्रण हो जाता है । हमारे शरीर पर , मस्तिक पर आत्मा का नियंत्रण हो जाता है । यह हो जाने से , शरीर से वह कार्य ही नही होता जो योग्य न हो । हमारी आत्मा ही परमात्मा का स्वरूप है । . . .
ही .का .स .योग .
5/415
Comments
Post a Comment