परमात्मा

* कोई  भीतर  पहुँचा  हुआ  माध्यम  ही  हमे  भीतर  के  परमात्मा  तक  ले  जा  सकता  है ।
* जो  शरीर  परमात्मामय  हो  जाते  है  याने  जो  शरीर  अपना  अस्तित्व  खो  देते  है , जो  एक  से  अनेक  हो  जाते  है , ऐसे  शरीर  परमात्मा  के  माध्यम  बन  जाते  है ।
* ऐसे  माध्यमों  के  सानिध्य  मे  परमात्मा  की  अनुभूति  होती  है । परमात्मा  का  एहसास  होता  है ।

परमपूज्य बाबा स्वामीजी
  [ आध्यात्मिक सत्य ]

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