गुरु परमात्मा का साक्षात अवतरण
गुरु परमात्मा का साक्षात अवतरण ही होता है । आज इस धरती पर परमात्मा अगर किसी वर्तमान स्वरूप मे विद्यमान है तो वह गुरु ही है । और ऐसे जीवंत [सजीव ] गुरु के दर्शन से ही अपने भीतर के गुरु का , आत्मा का जन्म होता है । उसके सानिध्य में केवल आत्मसाक्षात्कार माँगना चाहिए । यही ईश्वरीय संकेत होता है । इसलिए ध्यान नियमित करो ता की तुम्हे सदैव याद रहे की तुम कौन हो , तुम्हारे जीवन का उद्देश् क्या है और यह तुम्हारा अँतिम जन्म है ।
ही .का .स .योग .
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