Posts

Showing posts from November, 2018

सुक्ष्म से जुडो

कई बार साधको को माध्यम कहते रहता है। की मेरे दशेन भी तुम्हे तुम्हारे पुवे जन्म के पुण्यकमे से मील रहे है। जीस दिन पुण्यकमे समाप्त होगे तो दशेन भी नही हो सकेगे। अरे बाबा साक...

सामूहिकता-हाइवे....कब तक----3

प्रश्न 29 : तो क्या सामूहिकता/हाइवे को छोड देना है ? स्वामीजी : छोड़ देना नहीं...जैसे फल है कि नहीं ? पूर्ण पक जाने के बाद वो झाड़ को छोड़ ही देता है | उसी के... ऑटोमेटिकली ये सब छूट जाता है...

सामूहिकता-हाइवे.....कब तक----1

प्रश्न 27 : आप समझाते हैं कि हमेशा हाइवे पे नहीं रहा जा सकता | एक पतली गली से जाना पडता है | तो ये बात सरल तरीके से समझा सकते हैं ? स्वामीजी : नहीं, एक्च्युअली क्या है, मालूम है क्या कि प...

सामूहिकता-हाइवे....कब तक----2

प्रश्न 28 : सामूहिकता के साथ कब तक रहना यह कैसे मालूम पड़ेगा ? स्वामीजी : नहीं, नहीं | देखो, अब जैसे हाईवे है | यहाँ से मुंबई पहुँचने का है | तो उतने देर तक हम हाईवे का इस्तेमाल करते हैं | ...

मोक्ष

आपको मोक्ष मिलना चाहिए , ये शुद्ध इच्छा आप रखो। मोक्ष आपको मिल जाएगा। क्योंकि जैसे ही हम शुद्ध इच्छा करते हैं न , इच्छा करने के बादमें आत्मा ...हम तो सिर्फ इच्छा करते हैं...आत्मा ...

જીવનમાં અમે સંપૂર્ણ સમર્પણ ભાવ કેવી રીતે લાવીએ?

પ્રશ્ન 10: સ્વામીજી, મારો પ્રશ્ન છે કે પોતાના જીવનમાં અમે સંપૂર્ણ સમર્પણ ભાવ કેવી રીતે લાવીએ? સ્વામીજી : મેં આપને કહ્યું કે આપ પોતાનો સમગ્ર ભૂતકાળ મને આપી દો, હું આપને સ્વર્ણિ...

ગુરુચરણમાં શ્રદ્ધા હંમેશા કેવી રીતે જળવાઈ રહે?

પ્રશ્ન 11: ગુરુચરણમાં શ્રદ્ધા હંમેશા કેવી રીતે જળવાઈ રહે? સ્વામીજી : મને લાગે છે, ગુરુચરણ પર ચિત્ત રાખીને. કારણ કે ગુરુચરણ પર ચિત્ત રાખીશું, તો ત્યાં સારા લોકોની કલેક્ટિવિટી(...

समस्या ओर ध्यान

जब आपके जीवन में समस्या आती है तब आपका ध्यान बढ़ जाता है। जैसे समस्या समाप्त हुई की आपका ध्यान छूट जाता है। ये तो ऐसा हुआ कि जब आप लंगड़े हो तब आप दोड़ने की कोशिश करते हो और जब ठीक ह...

Nepal

If I am made the Brand Ambassador in Nepal, then I can come here and offer my services free of cost. This is my Guru’s area. I will be very happy to come to Nepal, my Guru’s area, and offer my services. I will feel that I have got the opportunity to serve at my Guru’s feet by serving the people in Nepal -that it is my good fortune if I get such an opportunity! My Guru’s area ‘Nepal’, has given the prasad of the spiritual experience of Samarpan to the entire world which is connecting all human beings to one another. I am thankful to the entire media of Nepal from the bottom of my heart. They have propagated and spread my Guru’s knowledge, thereby bestowing their co-operation onto this good work. Doing good work and offering co-operation for good work are one and the same. Lots of blessings to everyone,         Your own,          Baba Swami,    ...

नेपाल

यदी नेपाल मे मुझे बैन्डएम्बेसेडर बनाया जाता है । तो मै मेरी सेवा निशुल्क आकर यहॉ दे सकता हु। यह मेरा गुरूक्षैत्र है । मुझे गुरूक्षैत्र नेपाल मे आकर सेवा देने मे प्रसन्नता...

सुक्ष्म शरीर के काये का प्रांरभ

अभी हाल मे हुये नेपाल कांठमान्डु मे सपन्न होना ही एक महत्व पुणे घटना थी।इस शिबीर के सपन्न होने के साथ स्थुल शरीर से होने वाला गुरूकाये भी सपन्न हो गया है। अब सुक्ष्म शरीर स...

Commencement of the work of the Subtle Body

Recently the shibir which concluded at Kathmandu, Nepal was itself a very important event. Along with the conclusion of this Shibir the Guru-karya being performed physically has also ended. Now Guru-karya that will be performed through the subtle body has commenced. Now the work will not be performed by anyone, but will happen (automatically). And the sphere of the subtle body is the entire world. Guru-karya will now take place only through those people who are connected with the subtle body, and only those who can work as pure souls. This is because work will not happen with the ego of the physical body. Now, progress in the spiritual practice of meditation will also take place for only those people who are connected to the subtle body. Now, the medium's work will take place through the crown chakra (sahastrar), because Nepal itself is the crown chakra of the world. Now "the values" of Samarpan Meditation are entering a vast and enormous sphere. All you pure and holy so...

देवपूजा छोड़ , श्राद्ध छोड़ कर गुरुपूजन करना योग्य है क्या? ध्यान के साथ-साथ देवपूजा जरूरी है क्या?

प्रश्न: देवपूजा छोड़ , श्राद्ध छोड़ कर गुरुपूजन करना योग्य है क्या? ध्यान के साथ-साथ देवपूजा जरूरी है क्या? गुरुमाँ:  तो स्वामीजी ने कभी किसी चीज को छोड़ने के लिए कहा है कि आप भगवा...

आश्रम से जुडी अनुभूति

     आश्रम भूमि में बौद्ध गुरुओं के दर्शन : दांडी आश्रम में पूज्य गुरुदेव ने गुरु शक्तियों को आवाहन किया था और गुरुदेव का प्रवचन हो रहा था | उस समय मैंने देखा की आश्रम में 4-5 बौद...

गुरूकार्य से आये अहंकार पे संतुलन

प्रश्न 26 : मैं जब लगातार गुरुकार्य करता हूँ तब "मैं" का भाव आता है ऐसे लगता है | यह "मैं" का भाव न आये इसके लिए क्या कर सकते हैं ? स्वामीजी : आपको आपका मैं का भाव नजर आ रहा है यह भी एक अच्छ...

સમર્પણ શબ્દનો અર્થ

પ્રશ્ન 9: સ્વામીજી, સમર્પણ શબ્દનો અર્થ સમજાવતા અમને માર્ગદર્શન આપો કે ગુરુ પ્રત્યે શતપ્રતિશત્ સમર્પિત અમારે કેવી રીતે થવાનું છે? સ્વામીજી : 'સમર્પણ' શબ્દનું અંગ્રેજીમાં શ...

जीवन में गुरु का आगमन पूर्व आयोजित

प्रश्न 25 : क्या यह पूर्व आयोजित है कि हमें हमारे जीवन में कौन से गुरु मिलेंगे ? स्वामीजी : हाँ, यह पूर्व-आयोजित है कि हमें जीवन में कौन से गुरु मिलेंगे | पर वहाँ तक पहुँचना अपनी स्थ...

गुरूदेव के संदेश से जुडी अनुभूति

       पूज्य स्वामीजी का आत्मपरीक्षण यह संदेश पढ़ने के बाद, मैंने रोज सुबह 5:00 बजे नियमित ध्यान करने का निश्चय किया, जो मेरे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव था | स्वामीजी के बताते हुए आ...

समर्पण नाव

आप क्या करते हो उसपे सदैव गुरुशक्तियोंकि नजर होती है। बस इस बात का एहसास आपको होना चाहिये। कई बार गुरुशक्तियां आपको अनुभव भी करा चुकी है। अब उस अनुभव से कुछ सिखो। चित्त स्व...

शरीर

जब आत्मा शरीर की प्रतीक्षा करती है, तो शरीर व्यर्थ या महत्वहीन कैसे हो सकता है ? आत्मा ने जिस शरीर को बड़ी प्रतीक्षा के बाद पाया है, उस शरीर की देखभाल करनी ही चाहिए। यह हमारा कर्...

सत्य की अनुभूति

                    में एक दिन ऑफिस में बैठकर अध्यात्मिक सत्य पढ़ रहा था | उस समय मेरा एक मित्र मुझे मिलने आया | उसने मुझसे पूछा कि मैं क्या पढ़ रहा था | मैंने उसे 'आध्यात्मिक सत्...