पूर्ण विश्वास
तुम गंडे , धागे-दोरे (धागे-डोरे) जितने बाँधोगे , उतना तुम तुम्हारे चित्त को कमजोर कर रहे हो। देखो ना , ये मेरे हाथ में , छाती में , गले में एक धागा या गंडा नहीं है। ये समाज में मुझे साईबाबा लेके आए हैं , मेरा साईबाबा पर पूर्ण विश्वास है। जब तक वो हैं , मेरा बाल भी बाँका कोई नहीं कर सकता। और जिस दिन उनका कृपा हट जाएगी, एक सांस भी नहीं लूँगा।
----- *समर्पण ग्रंथ*
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।)
पृष्ठ:१६०
*॥आत्म देवो भव:॥*
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