मोक्ष

आपको मोक्ष मिलना चाहिए , ये शुद्ध इच्छा आप रखो। मोक्ष आपको मिल जाएगा। क्योंकि जैसे ही हम शुद्ध इच्छा करते हैं न , इच्छा करने के बादमें आत्मा ...हम तो सिर्फ इच्छा करते हैं...आत्मा उस तरफ अग्रेसर होने लग जाती है। फिर वह रास्ता ढूँढ़ने लग जाती हैं, मार्ग ढूँढ़ने लग जाती हैं कैसे करने का , क्या करने का , किस तरफ जाने का , वो सारा प्लानिंग चालू हो जाता है। लेकिन शुद्ध इच्छा वो बाहर से नहीं डाली जा सकती हैं। मेरे कहने से आपके अंदर निर्माण नहीं होगी। वह इच्छा आपको ही आपकी करना होगी। तो आप इच्छा करो ना कि मुझे इसी जनम के अंदर मोक्ष-प्राप्ति मिलना चाहिए। शुद्ध इच्छा रखो। तो ऑटोमेटिकली (अपने-आप) क्या होगा , वैसी परिस्थितीयाँ , वैसा वातावरण ...परमात्मा आत्मा के रूप में आपके एकदम पास है , आपके भीतर है , आपके अंदर है । बराबर वह आपके आसपास ऐसा वातावरण बनाएगा , ऐसी परिस्थितियाँ निर्माण करेगा , आपके जीवन मे ऐसे लोगो को भेजेगा जो आप के मोक्ष के राह  के संगी - साथी बने, उन्हें पहचानो, उनसे आत्मीयता बनाए रखो, उनको अपनाओ ओर फिर वो आपको बराबर उस रास्ते पे लेके जाएगा , और धीरे-धीरे , धीरे -धीरे , धीरे -धीरे आप देखोगे जीवन में मोक्ष की प्राप्ति जीवन-काल में ही कर लोगे।

मधुचैतन्य सितंबर २०१६/१९

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