अविस्मरणीय चैतन्य महोत्सव
इस बार का चैतन्य महोत्सव अविस्मसणीय सपन्न हुआ कायेक्रम अच्छा करना मुझे सदैव ही लगता है।
पर मेरे हात मे कुछ नही होता मॉ कीतना ही अत्छा खाना बनाये खाना
नीगलना तो बच्चो को ही होता है।
और बच्चे तब खाना अच्छे से नही खाते जब तक उन्हे भुक अच्छे से न
लगी हो।
इस बार संजोग ऐसा रहा की सभी भुके बच्चे ही एकत्र हुये थे ये वे बच्चे
थे जिन्हे आध्यात्म की भुक लगी थी
इसलीये दिपावली के समान बडा त्योहार भी छोडकर जमा हुये थे।
इस बार क्रमबदध तरीके से लय बदध
तरीके से आध्यात्म की एक एक पादा
न रोज ही चढते चले गये।
1 प्रथम दिन पर सालमुबारक पर
श्री गणेश हाथी के रूप मे प्रगट
हुये।और सारा वातावरण ही
आंनद और सकारात्मक हो गया
2. दुसरे दिन सभी ने औरा के दशेन किये और।
सभी का चित्त “माध्यम” के स्थुल
शरीर से सुक्ष्म शरीर पर चला
गया।
3. तीसरे दिन सभी ने सात चक्र के
उपर जा कर ध्यान कीया।और
शरीर भाव पुणे तह छुट गया
वे सभी पुण्य आत्माओ का मै ह्रदय से
आभारी हु जिनके सहयोग से इतना अच्छा कायेक्रम हो सका।
आपका अपना
बाबा स्वामी
💐💐😊😊
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