मन और चित्त
मन अलग है और चित्त अलग है। मन विचार करता है , मन के कारण आपके मन मे विचार आते हैं और चित्त यात्रा करता हैं , वो दूर जा करके वहाँ का दृश्य आपको दिखाने लगेगा , इसका कार्य चित्त करता है। यानी विचारों के माध्यम से चित्त उस स्थान पे पहुँचता है और उस स्थान पे पहुँचके वहाँ का दृश्य आपको दिखाना प्रारंभ कर देता है।
समर्पण ग्रंथ
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है)
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