मधुचैतन्य' बना सुरक्षा कवच का माध्यम
गतवर्ष मैं 1 दिन सवेरे ऑफिस जाने निकली थी | तब रास्ते में मेरे साथ एक दुर्घटना घटी और मेरी गाड़ी तहस-नहस हो गई थी | परंतु मेरा एक बाल भी बांका नहीं हुआ था | मैं तुरंत समझ गई थी कि यह चमत्कार केवल स्वामी जी ही कर सकते हैं ! सुबह घर से निकलते समय मेरी नजर 'मधुचैतन्य' पर पड़ी थी और पता नहीं क्यों लेकिन मैं वह 'मधुचैतन्य' अपने साथ लेकर निकली थी | बाद में चला पता चला कि स्वामीजी ने मेरी रक्षा की है | मेरे जीवन में ऐसे कई उदाहरण है | स्वामीजी सदैव हमारे साथ ही होते हैं | स्वामीजी को कोटि-कोटि वंदन ! जय बाबा स्वामी !
नेहल देवे, अहमदाबाद |
मधुचैतन्य : जुलाई-अगस्त 2018 |
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