एक बार भीतर आकर तो देख

एक बार केवल एक बार भीतर आकर तो देख तू समाधान को प्राप्त हो जायेगा ।  उस समाधान में कब समाधी लग गयी तुझे तेरा ही पता नहीं चलेगा । जो बाहर में नहीं मिला वह सब भीतर प्राप्त हो जायेगा ।
अब तू भीतर आयेगा ना ?
मेरी आवाज तू सुनेगा ना ?
आ में तेरा भीतर ही तेरा इंतज़ार कर रहा हुँ ।
                              
तेरा सिर्फ तेरा
बाबा स्वामी (भितर हुँ ।)
मूल स्त्रोत :- सन्देश (27-1-2008)

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी