ध्यान का प्रदर्शन

मुझे लगता है , 'ध्यान' का प्रदर्शन साधकों ने समाज में नहीं करना चाहिए और "मैं साधक हूँ" यह अहंकार भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए । यह दोनों बातें आसपास के लोगों का नकारात्मक चित्त आपकेऊपर लाती । आप आपके परिवार में भी ध्यान करो तो चुपचाप करो ।आपके ध्यान से दूसरे को तकलीफ नहीं होनी चाहिए । ध्यान को छुपाने का भी नहीं
हैं , लेकिन सामने वाला पूछे नहीं तब तक बताने का भी नहीं है ।
आप सभी को खूब-खूब आशीर्वाद !

आपका
बाबा स्वामी 
मधुचैतन्य नवम्बर-दिसम्बर
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