सतत साधना

जब हम सतत साधना करते हैं तो हमारी आत्मा एक ओर हमारे ऊपर नियंत्रण करती है तो वहीं दूसरी ओर वह गुरु की आत्मा के साथ जुडी होती है और इस प्रकार से हमारे शरीर तक वह, वे बातें पहुँचाती है, जो गुरुशक्तियाँ कराना चाहती हैं।

हि.स.यो. ६/२६३

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