संत योगास्वामी

     *कुछ  भी  अमंगल  या  गलत  नहीं  होता । अच्छा  और  बुरा  मनुष्य  के  द्वारा  निर्मित  भेदभाव  है । परम  सिद्धांत  के दृष्टिकोण  से  न  तो  कुछ  अच्छा  है  और  न  ही  बुरा । जिसे  हम  "बुराई  " कहते  है  वह  परमात्मा  कि  माया  है । हम  परमात्मा  के  तरीके  या  निर्णय  को  समझ  पाने  में  असक्षम  है । जो  कुछ  हम  बुरा  या  आपत्तिजनक  समझते  है  उसका  वास्तव  में  कोई  दिव्य  उद्देश्य हों  सकता  है , यहाँ  तक  कि  वह  एक  तरह  से  आशीर्वाद   भी  हो  सकता  है ।*

*संकलन : श्रीमती कृपा कावड़िया*
*मधुचैतन्य .सी , अक्टू 2018*

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