ध्यान करने के लिए मंत्र की क्या आवश्यकता है ?

 11 : ध्यान करने के लिए मंत्र की क्या आवश्यकता है ?

स्वामीजी : मंत्र के माध्यम से हम उस सामूहिकता से जुड़ते हैं | उस मंत्र के माध्यम से बहुत सारे लोग ध्यान करते हैं कि नहीं ? हमने जैसे ही वो मंत्र बोला, तो उन सारे लोगों की सामूहिकता, कलेक्टिविटी हमें मिल जाती है | शुरुआत में हमारा चित्त एकाध समय विचलित होता है, पर आदत लगने से हमारा चित्त सिर के तालू भाग में स्थिर होने लगता है | अकेले ध्यान करने की अपेक्षा सामूहिकता में ध्यान करना ज्यादा लाभदाई है | ध्यान में शुरुआत के समय मंत्रोच्चार की आवश्यकता है | फिर जैसे-जैसे हमारी ध्यान में प्रगति होती जाएगी,  वैसे-वैसे हमारी चित्त एकाग्र करने की क्षमता बढ़ेगी और फिर मंत्र की भी आवश्यकता नहीं रहेगी | और दूसरा,  सुबह 3:30 से 5:30 बजे का समय अच्छा होता है | ध्यान के लिए यह अच्छा समय है | दिन में कम से कम आधा घंटा ध्यान करना जरूरी है |

मधुचैतन्य : अप्रेल,मई,जून - 2008

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी