स्वामीजी, कई बार हम जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और फिर हम सोचते हैं कि वे सही है या नहीं | कृपया मार्गदर्शन कीजिए कि हम अच्छे निर्णय कैसे ले और उन पर अमल कैसे करें ?


प्रश्न 18 : स्वामीजी, कई बार हम जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और फिर हम सोचते हैं कि वे सही है या नहीं | कृपया मार्गदर्शन कीजिए कि हम अच्छे निर्णय कैसे ले और उन पर अमल कैसे करें ?

स्वामीजी : आपने प्रश्न पूछा है कि आप जीवन में कई निर्णय लेते हैं और वो निर्णय अच्छे हैं या नहीं ये कैसे पहचाना चाहिए ?  तो पहले क्या करो,  ध्यान करने के लिए बैठो | ध्यान करने के बाद में दोनों हाथ में तुम्हारे वाइब्रेशंस आ रहे हैं क्या नहीं, देखो | और वाइब्रेशन आने के बाद में फिर अपने आपको ही प्रश्न पूछो न, कि ये मैं काम करूं क्या ? अगर 'करू' आया तो आपकी दसों उंगलियों में खूब अच्छे वाइब्रेशंस ठंडे-ठंडे आएंगे | इसका अर्थ है कि आत्मा कह रही है कि ये कार्य करो | और मान लो कि एक हाथ में वाइब्रेशन आ रहे हैं, एक हाथ में नहीं आ रहे हैं, तो समझ लो आत्मा उसको 'ना' कह रही है | तो इसलिए दूसरे को प्रश्न पूछने की जरूरत ही नहीं है | तुम तुम्हारा अपने-आपको ही प्रश्न पूछा न ¡ उसका उत्तर मिल जाएगा | दूसरा क्या होता है मालूम है ? आत्मा को मालूम रहता है, क्या चीज सही है, क्या चीज नहीं है, तो वो जो उत्तर देता है वो बराबर रहता है | तो इस प्रकार से अपने उत्तर लेकरके सही निर्णय ले सकते हो | लेकिन दोनों हाथों में वाइब्रेशन आना चाहिए हं |नहीं आ रहैं...जो ध्यान नहीं करता उसके कोई काम का नहीं है फॉर्म्युला | इसलिए ध्यान करो, ध्यान करो, ध्यान करो |

मधु चैतन्य मार्च एप्रिल 2018

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