समर्पण आश्रम का अद्भुत अनुभव


     दांडी समर्पण आश्रम एक बेहद सुंदर,  शांत एवं प्राकृतिक वातावरण स्थित है | यहां ऐसा महसूस होता है जैसे एक कोरे कैनवास पर, विभिन्न देशों, धर्मो और जातियों के, समर्पण ध्यान के आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले साधकों की सामूहिकता ने, सुंदर रंगों से चित्रकारी कर दी हो | यहां का जीवन खुशी और प्रेम के रंगों से रंगा है जो उमंग और प्रेरणा का स्त्रोत है |
      आश्रम में बिताए हुए दिन केवल कैलेंडर के दिन नहीं लगते | यहां बीता हुआ कल और आने वाला कल 'आज'  की तुलना में महत्वहीन लगता है | हम आश्रम में किसी इमारत में नहीं रहते, बल्कि 'वर्तमान' में रहते हैं | आनेवाले कल का न कोई दायित्व रहता है और न हीं बीते हुए कल का उत्तरदायित्व | मन मुक्त होकर  विहरने लगता है...ताड़ के पत्तों से सरसराती हवा में, पक्षियों के चहचहाट में और अरबी समुद्र में उठती हुई लहरों की लयबद्ध तालो में...|  तब चित्त एक अलौकिक आनंद में स्थिर हो जाता है,  क्योंकि अब समय का कोई बंधन नहीं रहता, केवल वर्तमान वर्तमान का परमानंद रहता है | तब रह जाती है, केवल और केवल शुद्ध, पवित्र, प्रकृतिमय शून्यता !

- लुईस ग्रिफिथ्स,  यु. के.

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी