गुरूदेव के संदेश से जुडी अनुभूति
पूज्य स्वामीजी का आत्मपरीक्षण यह संदेश पढ़ने के बाद, मैंने रोज सुबह 5:00 बजे नियमित ध्यान करने का निश्चय किया, जो मेरे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव था | स्वामीजी के बताते हुए आत्म परीक्षण के तरीके से सबसे पहले जो बात मैंने महसूस की, वह यह थी कि मुझमें अनुशासन की कमी थी, जो की समर्पण की पहली पादान है | मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ध्यान के अलावा मेरे जीवन की अन्य गतिविधियों में भी अनुशासन आ गया है और मैं समय का पालन करने लगा हूँ | सभी साधकों को यह आजमाना चाहिए |
एक साधक, केनेडा |
मधुचैतन्य : जुलाई,अगस्त,सितंबर-2012
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