कुण्डलिनी

"कुण्डलिनी के रुप में प्रत्येक आत्मा के साथ उसके कर्मों का हिसाब-किताब होता है | कुण्डलिनी एक प्रकार की हिसाब-किताब की पुस्तक ही है, ऐसा समझें तो चलेगा | कुण्डलिनी शक्ति मनुष्य की सी.आर.(कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) ही है | इसमें मनुष्य के जन्मों-जन्मों का हिसाब-किताब होता है | और कुण्डलिनी का यह हिसाब सद्गुरु को पढ़ते आता है | इसलिए वे यह हिसाब पढ़कर ही सब करते रहते हैं | और यही कारण है कि वे प्रत्येक आत्मा से अपेक्षा नहीं करते कि वह इसी जन्म में मोक्ष प्राप्त कर ही ले |"

("हिमालय का समर्पण योग", भाग-६, पेज २६)

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