जब हम नियमित ध्यान करते है , जब हम आत्मरुप होके रहते है ,
जब हम नियमित ध्यान करते है , जब हम आत्मरुप होके रहते है , सुबह -शाम आत्मरुप जब नियमित रूप से होते है , तो एक समय ऐसा आता है कि जब हम अधिकाँश समय उसी स्थिति में होते है । ध्यान का मतलब ये नही है कि आप पूरे समय ऐसे ही ध्यान में रहो । गुरुदेव ने कहाँ है ना कि आप आधा घंटा ध्यान करो , साढ़े -तेइस घंटे ध्यान में रहो । ध्यान में रहो मतलब ? आप आत्मरुप रहो , आप नन्हे बच्चे कि तरह रहो , जो हर परिस्थिती में खुश रह सकता है ।
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परम पूज्या गुरु माँ
मकरसंक्रांति
[ २०१७ ]
परम पूज्या गुरु माँ
मकरसंक्रांति
[ २०१७ ]
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