अपेक्षा

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" अपेक्षा   सदैव   शरीर   की   होती   है । यह   अपेक्षा   ही  शरीर   और   आत्मा   के   बीच   की   सब   से   बढ़ी   बाँधा   है ।"......
बाबा स्वामी
१-- ९-- २ ० १ ५

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