आकाश की ऊँचाई प्राप्त करने वाले परमपूज्य स्वामीजी के पीछे पूज्या गुरुमाँ डोर समान है

आकाश   की   ऊँचाई   प्राप्त   करने   वाले   परमपूज्य   स्वामीजी   के   पीछे   पूज्या   गुरुमाँ   डोर   समान   है । वें   एक   सन्माननीय   शिक्षिका   रह   चुकी   है । उन्होने   शिक्षिका   एवंम   गृहस्थी   की   जिम्मेदारियाँ   उठाते   हुए   आध्यात्मिक   शिखर   को   प्राप्त   कर   एक   आदर्श   उदाहरण   प्रस्तुत   किया   है । वें   स्नेह   और   ममता   की   ऐसी   जिवंत   मूर्ति   है   जिनके   सानिध्य   में   मनुष्य   ही   नही , पशु   पक्षी   भी   अपने -आपको   धन्य   समजते   है ।  बहुआयामि   व्यक्तित्व   की   धनी , उच्चशिक्षित    पूज्या   गुरुमाँ   सांस्कृतिक   जिवनमुल्ल्योँ   का   बहुत   सन्मान   रखती   है   व   उनके   संवर्धन   में   विशेष   रुचि   लेती   है । परमपूज्य   स्वामीजी   की   गहन   आध्यात्मिक   बातों   को   अपनी   सहज -सरल   शैली   के   द्वारा   अत्यंत   सुलभ   बना   देती   है । स्वयं   को   सदैव   एक   सामान्य   साधिका   ही   समझने   वाली   शक्तिस्वरुपा   पूज्या   गुरुमाँ   समर्पण   परिवार   का   प्रेरणा   स्थान   है ।..

" माँ "  पुष्प १

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी