दान
मेरे मित्रों , आप सभी के पास दान करने के लिए कुछ -न -कुछ जरूर है । उस अवसर को समर्पण के भाव से परिवर्तित करके देना है । इतना 'दिन ' कभी नही बनना दोस्तों की आप दान ही न कर पाओ ..!! क्योंकि दान ' दान ' नही है , "दान ही समर्पण है ...!!'
अँबरिशजि
मधुचैतन्य
मा . अ . २०१७
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