शिष्य की गुरु से आत्मीयता होनी चाहिए ।

 शिष्य   की   गुरु   से   आत्मीयता   होनी   चाहिए । आत्मीयता   होगी   श्रद्धा   से ।... आत्मीयता   होने   पर   ही   गुरु   की   बात   उसी   अर्थ   में   समझी   जा   सकती   है , जिस   अर्थ   में   गुरु   बोल   रहे   है ।  ।।
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ही .का .स . योग [ १ ]

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